उम्मीद की किरण

आज फिर एक नई,
उम्मीद की किरण आई हैं।
ना जाने क्यों मेरी किस्मत,
मुझे आज फिर उसी मोड़ पर लाई हैं।
इस बार ना टूटूंगी पहले के जैसे,
टूटूंगी, तो संभालूंगी फिर खुदको कैसे ??

Prerna Mehrotra
4/4/2017