सोच

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As you think so you become.

सोचा तो कई सवाल इस मन में आएं
आखिर किस मकसद से हम इस दुनिया में आए??
अब आए तो आए
तो क्यों ना अपनी इस दुनिया को हम
अपनी  खयालों की सोच से सजाए।
सजाने बैठे तो आई मुश्किल
टूट के बिखर गया फिर हमारा ये दिल.
अब क्या कहके हम इस सोच को समझाए
ये वक़्त भी हमारे लिए कैसे थम जाए??
इस सोच को हकीकत में बनाने में करनी पड़ेगी मेहनत.
इस बात से मेरी,होजाओ अब तुम भी सहमत
क्योंकि  जो बोओगे वहीं पाओगें
करके अपने कर्म तुम ईष्वर के पास ही जाओगे
इसलिए अभी इसी वक़्त से ही
सोचों तुम अच्छी अच्छी बातें
कट जाएंगी यू ही,
फिर हर मुश्किलों वाली भी रातें।

Prerna Mehrotra
23/10/2014