सोचो तो बहुत कुछ,
तुम्हारे भीतर ही मिलेगा,
तुम्हारी ही मेहनत का,
फिर एक दिन फूल भी खिलेगा,
अनजाने में भी तुम वक़्त ना गवाना,
बस पाके अपना लक्ष्य,
तुम ओरो को भी सही राह दिखाना।
Prerna Mehrotra
13/3/2017
सोचो तो बहुत कुछ,
तुम्हारे भीतर ही मिलेगा,
तुम्हारी ही मेहनत का,
फिर एक दिन फूल भी खिलेगा,
अनजाने में भी तुम वक़्त ना गवाना,
बस पाके अपना लक्ष्य,
तुम ओरो को भी सही राह दिखाना।
Prerna Mehrotra
13/3/2017
जब पाकर सब कुछ खोना ही हैं ,तो हम यहाँ करने क्या आए हैं??
छोड़ के जाना है बहुत कुछ, जबकि लेकर यहाँ हम कुछ नहीं आए हैं।
जब मिलके यहाँ बिछड़ना ही हैं, तो क्यों हमने दूसरों से उम्मीद लगाई हैं ??
खुद पर होकर निर्भर,बहुत से वीरों ने दूसरों को भी राह दिखाई है।
जब सबके दिल में बसे है भगवान, तो क्यों दूसरों को सताए रे ??
जो देखे सबमे उसकी ऊर्जा वो उस तक ही पहुँच जाए रे।
Prerna Mehrotra
4/4/2016